पुत्र संतति प्रदायक है संतान गोपाल मंत्र
पुत्र संतति प्रदायक है संतान गोपाल मंत्र
भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की प्रतिमा अथवा चित्र के सामने नियमित रूप से धूप-दीप जलाकर संकल्पपूर्वक प्रतिदिन एक या तीन माला का पाठ करने से निश्चय ही मनोवांछित पुत्र संतान प्राप्त होती है। सवा लाख संख्या में पाठ करना शुभ एवम लाभदायक रहता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी या किसी शुभ मुहूत्र्त में पाठ शुरु करना चाहिए। पाठ स्वयं विधिपूर्वक अथवा किसी योग्य ब्राह्मण से श्रद्धापूर्वक करवाना लाभदायक होता है।
विनियोग- अस्य श्री संतानगोपालमंत्रस्य श्री नारद ऋषि: अनुष्टुप छंद: श्री कृष्णोदेवता,ग्लौं बीजम, नम: शक्ति
पुत्रार्थे जपे विनियोग:।
अंगन्यास- देवकी सुत गोविंद हृदयाय नम:, वासुदेव जगत्पते शिरसे स्वाहा, देही में तनय कृष्ण शिखाए वषट्,त्वामहं शरणं गत: कवचाय हुम्, ओम नम: अस्त्राय फट्।।
ध्यान- वैकुंठादागतं कृष्णं रथस्थं करुणानिधम् ।
किरीटसारथिं पुत्रमानयन्तं परात्परम ् ।। 1।।
आदाय तं जलस्थं च गुरवे वैदिकाय च।
अपर्यन्तं महाभागं ध्यायेत ् पुत्रार्थमच्युतम ्।।2।।
मूल मंत्र- ओम श्रीं ह्रृीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देही मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
इसका तीन लाख संख्या में जाप करना चाहिए। साथ में हमारे द्वारा पूजा करवाई जाती है। आप बुकिंग करवा सकते हैं।
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विनियोग- अस्य श्री संतानगोपालमंत्रस्य श्री नारद ऋषि: अनुष्टुप छंद: श्री कृष्णोदेवता,ग्लौं बीजम, नम: शक्ति
पुत्रार्थे जपे विनियोग:।
अंगन्यास- देवकी सुत गोविंद हृदयाय नम:, वासुदेव जगत्पते शिरसे स्वाहा, देही में तनय कृष्ण शिखाए वषट्,त्वामहं शरणं गत: कवचाय हुम्, ओम नम: अस्त्राय फट्।।
ध्यान- वैकुंठादागतं कृष्णं रथस्थं करुणानिधम् ।
किरीटसारथिं पुत्रमानयन्तं परात्परम ् ।। 1।।
आदाय तं जलस्थं च गुरवे वैदिकाय च।
अपर्यन्तं महाभागं ध्यायेत ् पुत्रार्थमच्युतम ्।।2।।
मूल मंत्र- ओम श्रीं ह्रृीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देही मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
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