दीपक जलाना क्यों जरूरी है, इसके क्या लाभ हैं?
दीपक जलाना क्यों जरूरी है, इसके क्या लाभ हैं?
भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक महामारी करोना वायरस से ल़ड़ने के लिए सभी देशवासियों को 25 अप्रैल को रात्रि 9 बजे 9 मिनट के लिए प्रकाश करने को कहा है। वह भलि भांति जानते हैं कि जब एकसाथ 130 करोड़ भारतीय प्रकाश करेंगे तो सारा भारत जगमगा उठेगा। सम्भव है कि विश्व के अन्य देश भी प्रकाश के इस महत्व को समझेंगे। एक साथ जब प्रकाश उत्पन्न होगा तो सारे भारतवासी एक राष्ट्रीय एकता के सूत्र में बंध जाएंगे। दीपक का प्रकाश हर बीमारी से लड़ने का आत्मविश्वास पैदा करेगा। भारत में दीपक जलाने का इतिहास उतना ही प्राचीन है जितना मानव के इस धरती पर पैदा होने का।मानव को अंधेरे से डर लगता था। यह दिन के क्रिया करने वाला प्राणी है। अपनी बुद्धि विश्व में अपनी धाक जमाना चाहता है। यह चाहता है कि इस धरती पर सिर्फ उसका ही बोलबाला हो। अग्रि देव के प्रकट होने के बाद को मानव का जीवन ही बदल गया ।
अग्रि के बल पर वह दूसरों को डराने का गुर भी सीख गया।सबसे पहले मानव ने दीपक को जलाकर अंधकार को दूर करने का प्रयास किया। अंधकार से उजाले की ओर। आजकल कुछ सैकुलर बाबा इस दीपक शक्ति को खत्म करने पर उतारू हैं।
आपको हैरानी होगी कि एक दीपक पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोने का बल रखता है। हर उस घर जिसमें शाम को या प्रात को दीपक जलाया जाता है, राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है। इन तथाकथित सैकुलर बाबाओं के पीछे लगकर लोगों ने अपने त्यौहार दीवाली,होली आदि मनाना भी छोड़ दिए हैं।
दीपक जलाने का मंत्र- दीप दर्शन का मंत्र-
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।
बिना दीपक के धर्म जागृत नहीं रह सकता। पूरे हिन्दू धर्म में मंत्र उच्चारण और ईश्वर के प्रति आस्था का जितना महत्व है उतना ही महत्व उनको प्रसन्न किये जाने वाले कर्मकांडों का भी है। यहां कर्मकांडों का अर्थ हवन, पूजन दीप आदि जलाने से है। लगभग हर हिन्दू परिवार में मंदिर स्थापित किया जाता है जिसमे नित्य नियमपूर्वक हररोज विधि-विधान से मंदिर में स्थापित देवी-देवता का पूजन किया जाता है।
दीपक जलाने का मंत्र- दीप दर्शन का मंत्र-
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।
बिना दीपक के धर्म जागृत नहीं रह सकता। पूरे हिन्दू धर्म में मंत्र उच्चारण और ईश्वर के प्रति आस्था का जितना महत्व है उतना ही महत्व उनको प्रसन्न किये जाने वाले कर्मकांडों का भी है। यहां कर्मकांडों का अर्थ हवन, पूजन दीप आदि जलाने से है। लगभग हर हिन्दू परिवार में मंदिर स्थापित किया जाता है जिसमे नित्य नियमपूर्वक हररोज विधि-विधान से मंदिर में स्थापित देवी-देवता का पूजन किया जाता है।
पूजन करने का तरीका अलग-अलग हो सकता है लेकिन यह भी भगवान को प्रसन्न किये जाने वाले कर्मकांडों में से एक है। अधिकतर हिन्दू घरों में सुबह-शाम, पूजा-अर्चना की जाती है जिसके पीछे आस्था का होना बहुत जरूरी होता है। कुछ लोग अपनी मन्नतों को पूरा करने के लिए ईश्वर का पूजन करते है जबकि कुछ सर्वार्थ सिद्धि के लिए भगवान का पूजन करते है। दीपक जलाना भी एक धार्मिक क्रिया है।
हिन्दू धर्म में दीपक सरसों के तेल या घी में जलाया जाता है। परन्तु दीपक जलाने के क्या-क्या फायदे होते है इसके बारे में बहुत कम लोग जानते है इसीलिए आज हम आपको दीपक जलाने का महत्व और उसके फायदों के बारे में बता रहे है। दीपक जलाने से व्यक्ति अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते है और अपने जीवन को सहज बना सकते है।
घर में दीपक जलाने से जो रौशनी या प्रकाश फैलता है वह घर की नकारात्मक उर्जा को समाप्त करता है। बहुत से लोगों को खूब मेहनत करने के बावजूद भी मेहनत के अनुसार फल नहीं मिलता। इस स्थिति में दीपक की मदद से आप देवता को प्रसन्न कर अपने क्षेत्र में सफलता पा सकते है। इसके लिए रोजाना शाम को देवी लक्ष्मी के सामने लाल बाती रखकर घी का दीपक जलाएं। नौकरी में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी प्रोमोशन नहीं हो रही है और बार-बार असफलता ही मिल रही है तो देवी लक्ष्मी के साथ-साथ दीपक जलाएं।
परिवार में यदि कोई सदस्य लंबे समय तक किसी बिमारी या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से पीड़ित है तो उस व्यक्ति को शाम के समय घर का दरवाजा खोलकर दक्षिण दिशा की ओर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से किसी भी खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है।मारकेश की दशा होने पर भी यह उपाय काफी कारगर होता है।
यदि व्यक्ति को कोई अनजाना भय घेरा हुआ है या उसके शत्रुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है तो उन्हें नियमित रूप से हनुमानाष्टक का पाठ करना चाहिए। दीपक जलाने के लिए लाल रंग की बाती लें और घी का दीपक नित्य हनुमान जी के समक्ष जलाएं।
अगर कोई व्यक्ति भगवान गणेश की कृपा पाना चाहते है और अपने जीवन में शुभता चाहते है तो उन्हें तीन मुंह वाला दीपक देसी घी में जलाना चाहिए।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तीन मुखी दीपक में चमेली का तेल डालकर जलाना चाहिए। भोले भंडारी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आठ या बारह मुखी दीपक को पीले सरसों के तेल में जलाना चाहिए। भैरव व शनि साधना करने के लिए सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। शत्रुओं से बचने के लिए भी यह दीपक जलाया जा सकता है।
आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से अपने घर की दहलीज के भीतर घी का दीपक जलाना चाहिए। तो ये थे कुछ सामान्य फायदे जिनकी मदद से घर में सुख, समृद्धि, शांति और सम्पन्नता पाई जा सकती है। अंत में हम तो यह कहेंगे कि जिस घर में दीपक न जले ुस घर को घर कहना भी नहीं चाहिए। सुबह शाम हर रोज आपको दीपक जलाना चाहिए।
दीपक जलाने से बुरी आत्माएं पास नहीं फटकती और पवित्रता बनी रहती है। कोई कुछ भी कहे अपने किसी भी धार्मिक व सांस्कृतिक कार्य को छोडऩा नहीं चाहिए क्योंकि हम इन्हीं के कारण धर्म से जुड़े हैं और हमें तोडऩे की साजिश रची जाती है। कोई सैकुलर गुरु कुछ छोडऩे को कहता है तो कोई कुछ इनसे हमें सावधान रहना है।
कैसा हो दीपक- दीपक मिट्टी का होना चाहिए और इसमें बाती रुई की होनी जाहिए। दीपक में तेल शुद्ध सरसों का, नारियल का या शुद्ध गाय का देशी घी हो। यदि ये सब उपलब्ध न हो तो टार्च, मोमबत्ती आदि को भी प्रयोग में लाया जा सकता है। लेकिन यदि भगवान की पूजा करनी है तो दीपक का ही प्रयोग करना चाहिए। घर के आंगन में तुलसी को हर सायं दीपक जलाने से घर में किसी भी तरह की बीमारी या वायरल फीवर नहीं होता। समृद्धि आती है,आप देखेंगे कि जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगा होगा उस घर में समृद्ध व शांति है।
दीपक के बचे तेल को मुख पर या शरीर पर लगाने से चेहरे पर चमक आती है और यदि कील मुहांसे, झाइयां हों तो वे साफ हो जाती हैं। दीपक के बचे हुए तेल को फैंका नहीं जाना चाहिए उसे शरीर पर लगाया जाना चाहिए। जब दीपक रूई व तेल के सहारे धीरे-धीरे जलता है तो उसमें रासायनिक प्रक्रिया होती है। रूई जलते हुए तेल को हल्का गर्म करती है और जब राख युक्त तेल बच जाता है तो उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। इस तेल को लगाने से शरीर की खुश्की व तर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
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परिवार में यदि कोई सदस्य लंबे समय तक किसी बिमारी या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से पीड़ित है तो उस व्यक्ति को शाम के समय घर का दरवाजा खोलकर दक्षिण दिशा की ओर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से किसी भी खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है।मारकेश की दशा होने पर भी यह उपाय काफी कारगर होता है।
यदि व्यक्ति को कोई अनजाना भय घेरा हुआ है या उसके शत्रुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है तो उन्हें नियमित रूप से हनुमानाष्टक का पाठ करना चाहिए। दीपक जलाने के लिए लाल रंग की बाती लें और घी का दीपक नित्य हनुमान जी के समक्ष जलाएं।
अगर कोई व्यक्ति भगवान गणेश की कृपा पाना चाहते है और अपने जीवन में शुभता चाहते है तो उन्हें तीन मुंह वाला दीपक देसी घी में जलाना चाहिए।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तीन मुखी दीपक में चमेली का तेल डालकर जलाना चाहिए। भोले भंडारी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आठ या बारह मुखी दीपक को पीले सरसों के तेल में जलाना चाहिए। भैरव व शनि साधना करने के लिए सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। शत्रुओं से बचने के लिए भी यह दीपक जलाया जा सकता है।
आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से अपने घर की दहलीज के भीतर घी का दीपक जलाना चाहिए। तो ये थे कुछ सामान्य फायदे जिनकी मदद से घर में सुख, समृद्धि, शांति और सम्पन्नता पाई जा सकती है। अंत में हम तो यह कहेंगे कि जिस घर में दीपक न जले ुस घर को घर कहना भी नहीं चाहिए। सुबह शाम हर रोज आपको दीपक जलाना चाहिए।
दीपक जलाने से बुरी आत्माएं पास नहीं फटकती और पवित्रता बनी रहती है। कोई कुछ भी कहे अपने किसी भी धार्मिक व सांस्कृतिक कार्य को छोडऩा नहीं चाहिए क्योंकि हम इन्हीं के कारण धर्म से जुड़े हैं और हमें तोडऩे की साजिश रची जाती है। कोई सैकुलर गुरु कुछ छोडऩे को कहता है तो कोई कुछ इनसे हमें सावधान रहना है।
कैसा हो दीपक- दीपक मिट्टी का होना चाहिए और इसमें बाती रुई की होनी जाहिए। दीपक में तेल शुद्ध सरसों का, नारियल का या शुद्ध गाय का देशी घी हो। यदि ये सब उपलब्ध न हो तो टार्च, मोमबत्ती आदि को भी प्रयोग में लाया जा सकता है। लेकिन यदि भगवान की पूजा करनी है तो दीपक का ही प्रयोग करना चाहिए। घर के आंगन में तुलसी को हर सायं दीपक जलाने से घर में किसी भी तरह की बीमारी या वायरल फीवर नहीं होता। समृद्धि आती है,आप देखेंगे कि जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगा होगा उस घर में समृद्ध व शांति है।
दीपक के बचे तेल को मुख पर या शरीर पर लगाने से चेहरे पर चमक आती है और यदि कील मुहांसे, झाइयां हों तो वे साफ हो जाती हैं। दीपक के बचे हुए तेल को फैंका नहीं जाना चाहिए उसे शरीर पर लगाया जाना चाहिए। जब दीपक रूई व तेल के सहारे धीरे-धीरे जलता है तो उसमें रासायनिक प्रक्रिया होती है। रूई जलते हुए तेल को हल्का गर्म करती है और जब राख युक्त तेल बच जाता है तो उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। इस तेल को लगाने से शरीर की खुश्की व तर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
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