ये नोटा की साजिश रचने वाले कौन हैं
ये नोटा की साजिश रचने वाले कौन हैं
अाजकल सोशल मीडिया पर नोटा का प्रचार स्वर्णों की फेक अाई डी पर जोर जोश से हो रहा है। इसमें दिलचस्प बात यह है कि ये नोटा गिरोह बीजीपी शासित क्षेत्रों में ही एकदम से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। ज्यादातर नोका का प्रचार करने वाले फेक अाईडी वाले हैं। मंडल कमिशन की रिपोर्ट के दौरान स्वर्णों के बच्चों ने अात्मदाह किया था अब नोटा दबाकर उनके अभिभावक राजनितिक अात्महत्या करने वाले हैं। ये लोग सकड़ों पर उतर कर अांदोलन कर सरकार को झुका सकते हैं। नोटा कहने वाले सभी हिन्दू हैं एक भी दूसरे धर्म का नहीं है। महाभारत के युद्ध में भी अर्जुन नोटा दबाने चले थे लेकिन भगवान ने उन्हें दुष्टों का अंत कर
जीतने के लिए युद्ध करने का अादेश दिया था। मानलो सारे भाजपा समर्थक नोटा दबाते हैं तो इससे किसको फायदा होगा। कांग्रेस व उसकी सहयोगी पार्टियों यानि कि महागठबंधन को सीधा फायदा पहुंचेगा अौर 5 प्रतिशत वोट भी नोटा को पड़ते हैं तो उनकी सरकार सत्ता में अा जाएगी। तो फिर क्या अाप अपनी मांगे मना पाअोगे। फेक अाईडी ज्यादातर ब्राहमणों के नामों हैं । ब्राह्मणों में एक बात यह है कि ये अांदोलन के लिए तैयार नहीं होते अौर कोई घटना होने पर घरों में अपने को बंद करना अच्छा समझते हैं । जैसे कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक तौर पर कश्मीर छोड़ना जान बचाना अच्छा समझा। उस समय ये 5 प्रतिशत भी हथियारों से लैस होकर मुकाबला करते तो शायद उन्हें ये दिन न देखने पड़ते। जब अाप किसी समस्या से जूझ नहीं सकते या तो भाग जाअो या अात्महत्या कर लो मुकाबला करने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। फेक अाईडी के प्रायोजक इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि ये लोग अासानी से नोटा का विकल्प चुन लेंगे। स्वर्ण कांगेसी या अन्य पार्टियों के कभी नोटा नहीं चुनेंगे।
समस्याएं व मांगे हर समाज की हैं अौर वही समाज अपनी मांगें व समस्याएं मना पाता है जिसमें दम होता है चाहे कोई भी तरीका अपनाना पड़े। हिंसा का ही क्यों न हो। याद रहे अाज तो हमारा निकल जाएगा लेकिन हमारी अाने वाली पीढियों को भुगतना पड़ेगा।
अाजकल सोशल मीडिया पर नोटा का प्रचार स्वर्णों की फेक अाई डी पर जोर जोश से हो रहा है। इसमें दिलचस्प बात यह है कि ये नोटा गिरोह बीजीपी शासित क्षेत्रों में ही एकदम से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। ज्यादातर नोका का प्रचार करने वाले फेक अाईडी वाले हैं। मंडल कमिशन की रिपोर्ट के दौरान स्वर्णों के बच्चों ने अात्मदाह किया था अब नोटा दबाकर उनके अभिभावक राजनितिक अात्महत्या करने वाले हैं। ये लोग सकड़ों पर उतर कर अांदोलन कर सरकार को झुका सकते हैं। नोटा कहने वाले सभी हिन्दू हैं एक भी दूसरे धर्म का नहीं है। महाभारत के युद्ध में भी अर्जुन नोटा दबाने चले थे लेकिन भगवान ने उन्हें दुष्टों का अंत कर
जीतने के लिए युद्ध करने का अादेश दिया था। मानलो सारे भाजपा समर्थक नोटा दबाते हैं तो इससे किसको फायदा होगा। कांग्रेस व उसकी सहयोगी पार्टियों यानि कि महागठबंधन को सीधा फायदा पहुंचेगा अौर 5 प्रतिशत वोट भी नोटा को पड़ते हैं तो उनकी सरकार सत्ता में अा जाएगी। तो फिर क्या अाप अपनी मांगे मना पाअोगे। फेक अाईडी ज्यादातर ब्राहमणों के नामों हैं । ब्राह्मणों में एक बात यह है कि ये अांदोलन के लिए तैयार नहीं होते अौर कोई घटना होने पर घरों में अपने को बंद करना अच्छा समझते हैं । जैसे कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक तौर पर कश्मीर छोड़ना जान बचाना अच्छा समझा। उस समय ये 5 प्रतिशत भी हथियारों से लैस होकर मुकाबला करते तो शायद उन्हें ये दिन न देखने पड़ते। जब अाप किसी समस्या से जूझ नहीं सकते या तो भाग जाअो या अात्महत्या कर लो मुकाबला करने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। फेक अाईडी के प्रायोजक इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं कि ये लोग अासानी से नोटा का विकल्प चुन लेंगे। स्वर्ण कांगेसी या अन्य पार्टियों के कभी नोटा नहीं चुनेंगे।
समस्याएं व मांगे हर समाज की हैं अौर वही समाज अपनी मांगें व समस्याएं मना पाता है जिसमें दम होता है चाहे कोई भी तरीका अपनाना पड़े। हिंसा का ही क्यों न हो। याद रहे अाज तो हमारा निकल जाएगा लेकिन हमारी अाने वाली पीढियों को भुगतना पड़ेगा।
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