शुक्र ग्रह क्या है और इसके क्या प्रभाव हैं



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शुक्र ग्रह वृष एवम तुला राशि का स्वामी है। कुंडली में यह दूसरे व सातवें भाव का मालिक है। यह सधारणयता राशि चक्र 13 माह में पूरा करता है। 18 महीनों में 40 दिन तक यह वक्रीय ही रहता है। इस समय में भावनात्मक गड़बड़, उत्तेजना में उतार-चढ़ाव ,लड़़ाई-झगड़ा, वियोग-विद्रोह, विरह, अलगाव,स्थाई तबादला तथा रिश्तों में पक्का बिगाड़ होने की सम्भावना होती है।
यह सूर्य के ईर्द-गिर्द 48 अंश के बीच रहता है। सूर्य के ईर्द-गिर्द घूमने में लगभग 225 दिन लेता है।
यह अन्य ग्रहों से अधिक चमकदार दिखाई देता है। बुध के साथ अथवा यह शुभ हो तो यह ललित
कला, चित्रकला, वा्चन कला आदि में प्रवीणता देता है। प्रेम-प्यार, घर सुख,पत्नी सुख, मनमोहक मुखड़ा, उत्तम भाषा शैली, मिलनसार स्वभाव, बढिय़ा, सुंदर कपड़े पहनने का शौकीन व वाहन प्रदान करता है। यदि शुक्र निर्बल हो तो हल्कापन, अपशब्द बोलने वाला तथा कई प्रकार के अवगुण प्रदान करने वाला होता है। यह पाप ग्रह के साथ अथवा नेगेटिव हो तो अशुभ फल देता है।  सूर्य के साथ इसकी मित्रता नहीं हो सकती, शुक्र जब तक शनि के कार्यों से दूर रहेगा नेक ही रहेगा।
प्रभाव एवम क्या-क्या विचारना है-घर सुख, पत्नी, गाय-भैंस, धन-दौलत, गहने, सुख, मनोरंजन, वीर्य, नेत्र, औरत,  काम, साधारण सुख, प्रेम, सौंदर्य, गायन कला,गाना-बजाना आदि इसके अधीन आते हैं।  यह चौथे भाव (सुख हेतु) एवम सातवें का कारक भी है। फल कथन के अनुसार शुक्र संबंधी विचार अत्यावस्यक होता है। इसका भावनाओं संवेदनाओं पर मुख्य प्रभाव होता है।
रोग- यदि शुक्र निर्बल हो तो संबंधित विकार देता है। रक्त की कमी के रोग, पित्त विकार,वीर्य नाश, वीर्य पतन, वीर्य सम्बंधी रोग, गुप्तांग रोग, मूत्र प्रणाली के रोग, झगड़ों के कारण विकार देता है। बुरा शुक्र दिल, शरीर, श्वास प्रणाली पर बुरा प्रभाव डालता है।
निशानी-गाय, भैंस,धन दौलत की चोरी अथवा अचानक गुम हो जाना बुरे शुक्र की निशानी है। पत्नी की ओर से चिंता अथवा पारिवारिक गड़बड़ होना इसके बुरे प्रभाव के पक्के प्रमाण हैं।
मकान में शुक्र- जिस भाव कुंडली में शुक्र होता है उस दिशा में परख के लिए शुकर की वस्तुएं होंगी यथा कच्ची दीवार , सफेद सफेदी, गाय, प्रेमिका का निवास, टीवी,संगीत. चित्र,नाटक का सामान आदि होगा। यदि शुक्र शुभ है तो घर में वाहन जरूर होगा अथवा पत्नी का पूरा सुख प्राप्त होगा।

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astrologer bhrigu pandit

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