दावोस में प्रधानमंत्री ने हिन्दी में भाषण क्यों दिया,शाहरूख खान ने मोदी बारे क्या कहा
दावोस में प्रधानमंत्री ने हिन्दी में भाषण क्यों दिया
दावोस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिन्दी में अपना भाषण क्यों दिया जबकि वहां पर मौजूद लगभग 95 प्रतिशत लोगों को हिन्दी समझ नहीं आती है। पीएम मोदी ने अपना भाषण वहां मौजूद
लोगों के लिए नहीं दिया था। उन्होंने अपना भाषण भारत के सवा सौ करोड़ लोगों को दिया। वे
दावोस में सम्बोधित जरूर कर रहे थे लेकिन वे अपने भारतवासियों को दिल की बात कह रहे थे।
वैश्वीकरण, व्यापार व आतंकवाद पर उनका विशेष फोकस था। आज भारत विकासशील देशों से आगे निकल रहा है। 2018 में भारत जीडीपी मामले में चीन को पछाड़ देगा। आतंकवाद में मोदी जी ने एक विशेष बात कही कि गुड टेररिज्म और बैड टैररिज्म वाली परिभाषा छोड़कर रह किस्स के आतंकवाद को खत्म करना होगा। आपको याद होगा की भारत के आजाद होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अंग्रेजी में अपना भाषण दिया था। इस भाषण को समझने वाले उस समय एक प्रतिशत भी भारतीय नहीं थे। ये भाषण उन्होंने भारतीयों के लिए नहीं
उन शासकों के लिए पढ़ा था जो उन्हें सत्ता सौंप रहे थे। चलो शाहरूख खान जो मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने पर देश छोडऩे की बात कहता था,वह भी उनकी प्रशंसा करता दिख रहा था।
मोदी जलवा हर भारतीय देख रहा था। पाकिस्तानी मीडिया में भी लोग मोदी के गुण गाते दिख रहे थे। उनकी सादगी, ईमानदारी व सीना ठोकर कर चलने का अंदाज सभी को भाया। वह सवा सौ करोड़ भारतीयों के प्रधानमंत्री के तौर पर वहां पहुंचे। दूसरी तरफ एक टीवी पत्रकार खवीश कुमार मोदीजी का भाषण तो दिखा रहे थे साथ ही में दिल्ली में व्यापारियों के प्रदर्शन को ज्यादा हाईलाइट कर रहे थे। इसी कहते हैं खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे। कहां राजा भोज व कहां गंगूतेली।
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