यौन शोषक डाक्टर, पीडि़त बच्चियां, मानसिकता व सजा-एक दृष्टिकोण

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यौन शोषक डाक्टर, पीडि़त बच्चियां, मानसिकता व सजा-एक दृष्टिकोण
़ड़ाक्टर जिस पर समाज भरोसा करता है, मरीज भरोसा करता है, मरीज स्वयं को उसके हाथ सौंप
देता है। मरीज को पूरा विश्वास होता है कि उसे वह डाक्टर बचा लेगा। लेकिन जब वह डाक्टर ही रक्षक की जगह भक्षक बन जाए तो क्या होगा।
लैरी निसार नाम का शैतानी डाक्टर जिम्नास्टिक खेलने वाली बच्चियों के साथ जाता था। मां-बाप निश्चिंत थे। जब बच्ची की खेल के दौरान मांसपेशियां खिंच जाती थी तो दर्द से कराहते हुए इस शैतान के पास उपचार के  लिए लाई जाती थी। यह विकृत मानसिकता वाला डाक्टर उसकी योनी व गुदा में अपनी उंगलियां डालकर अपनी यौन पिपासा शांत करता था। ऐसे कुकृत्य का शिकार एक नहीं 156 से अधिक लड़कियों ने सामने आने का साहस किया। अभी पीडि़त और भी हो सकती हैं। एक पीडि़ता ने तो यहां तक कहा कि जब कि इस डाक्टर के पास वे जाती तो वह उसके गुप्तांगों के साथ छेड़छाड़ करता और अपना तना हुआ लिंग उसके मुंह के पास ले आता और कई बार तो वह उसके  सामने हस्त मैथुन भी करता। उसने इसके बारे में अपने मां-बाप को भी बताया था लेकिन यह डाक्टर उनके सामने भोला बन गया और बच गया।
यौन शोषण का शिकार बच्चियां अब काफी बड़ी हो गई हैं। बच्चियों की शिकायत पर इस डाक्टर के खिलाफ केस चला और इसे174 वर्षों तक की उम्रकैद की सजा हुई। जज ने भी अपनी टिप्पणी में कहा कि ऐसा इंसान समाज के लिए कलंक है। इसे किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाना चाहिए।
अब सबसे महत्वपूर्ण बात जो मीडिया,समाज व न्यायपालिका के सामने नहीं आई या वे सामने नहीं लाना चाहते,वह है इस इंसान की सामाजिक, धार्मिक, मानसिक पृष्ठ भूमि। इस पर विशेष रूप से छानबीन की जानी चाहिए थी कि वह कैसे इस तरफ आया। विशेषकर ऐसे वे लोग होते हैं जिनका बचपन में यौन शोषण होता रहा हो, यह यौन शोषण उसके सहपाठी, भाई या निकट के रिश्तेदार करते रहे हों, ऐसे लोगों को यौन शोषण करवाने या करने की लत लग जाती है। ये लोग बच्चों को अक्सर अपना शिकार बनाते हैं। कहीं न कहीं इस मामले में धार्मिकता भी सामने www.bhrigupandit.comआती है जिसमें दूसरे धर्म की बच्चियों व लोगों के प्रति नफरत व उनका यौन शोषण, हत्याएं, लूटपाट करने के लिए उत्साहित किया जाता है। कई केसों में यह मानसिक रूप से बीमार लोग
भी होते हैं जो अपने बच्चों तक  को नहीं  ्छोड़ते। ये लोग बहुत ही सभ्य,अच्छा व्यवहार करने का ढोंग करने वाले होते हैं। ऐसे लोग समाज के हर वर्ग में मिल जाएंगे। इसमें धार्मिक पादरी, मुल्ला, संत, अध्यापक,जज आदि कोई भी हो सकता है। यदि उक्त डाक्टर की पूरी हिस्टरी, मानसिकता का उल्लेख उसी तरह समाज के सामने लाया जाए तो ऐसे मनोरोगियों को पहचाना जा सकता है। इससे और बच्चों को यौन शोषण से बचाया जा सकता है।


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